कान्हादर्शन ज्योतिष केन्द्र में आपका स्वागत है।
कान्हादर्शन ज्योतिष केन्द्र 2008 में स्थापित हुआ है। यहाँ पर ज्योतिष में—कुण्डली, हस्तरेखा, प्रश्नकुण्डली, कुण्डली मिलान, अंक ज्योतिष, वास्तु विज्ञान आदि के विषय में परामर्श दिया जाता है। लाखों लोग यहाँ से लाभान्वित हो रहे हैं। ज्योतिष के समुचित उपायों को करने से जीवन यापन में सुगमता प्राप्त होती है। ज्योतिष एक भविष्य में होने वाली घटनाओं से अवगत कराने वाली महाविद्या है। ज्योतिष् का शाब्दिक अर्थ ही है ‘ज्योति’ और ज्योति तो प्रकाश ही देती है। जीवन में इस महा-प्रकाश का उपयोग करें और किसी भी दुर्घना का शिकार होने से बचें।
इस केन्द्र की विशेषता रही है कि निर्लोभ-भावना से जन-मानस की सेवा हो, 117 गोविन्द खण्ड, विश्वकर्मा नगर, नजदीक विवेक विहार फैस-2, दिल्ली 110095 मोबाइल नं. 9968146217
Acharya Dhirendra ji
ये गुरुकुलम् सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की भावना से स्थापित किया गया है।
वेद गुरुकुलम्
आज उस पराम्बा माता त्रिपुरसुन्दरी की असीम अनुकम्पा से श्रीत्रिपुरसुन्दरी वेद-गुरुकुल का निर्माण हो चुका है जिसका शिलान्यास 2012 में हो चुका है। और ‘पूज्य आचार्य श्री’ के अथक परिश्रम से मात्र दो वर्षों में निर्माणकार्य हो चुका है और 3 अगस्त 2014 को 20 ब्राह्मण बालकों के साथ प्रारम्भ कर दिया है। प्रथम सत्र में 20 बालक थे। द्वितीय सत्र में संख्या में वृद्घि हुई है दूसरे वर्ष 32 ब्रह्मचारियों की सेवा गुरुकुल की ओर से हुई और आज तीसरे वर्ष 35 ब्रह्मचारियों की सेवा निःशुल्क रूप से हो रही है। वेद, व्याकरण, ज्योतिष, साहित्य, आयुर्वेद, अंग्रेजी आदि की शिक्षा क्रमबद्घता से दी जा रही है। अपेक्षा है आपसे कि आप भी आयें देखें और अपना सहयोग गुरुकुल व धर्म के हित में दें। विद्यालय के निर्माण कार्य में सहयोग करने वाले भक्त (सज्जन) निम्न लिखित नम्बरों में संपर्क करे +91 987166241 समाज के लिये किया गया सत्कर्म अनेक प्रकार की विकृतियों से बचा सकता है।
Bhagwat Katha Wachak Acharya Dhirendra Ji
Tripursundari Ved Gukulam
Tripursundari Mata
Tripursundari Ved GUKULAM
Vedanta
वेद प्राचीन भारत में रचित साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में सनातनधर्म के मूल और सब से प्राचीन ग्रन्थ हैं
Sanskrit
संस्कृत भाषा, वेद, वेदाङ्ग, ज्योतिष, साहित्य, उपनिषद, एवं संस्कृति आदि के उत्थान के लिये स्थापित किया गया है। संस्कृत विषय की शिक्षा समाज की सभ्यता को बनाये रखने के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण आविष्कार है ।
Donation
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Shri Tripursundri Shakti Samiti.(RG.)
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Branch. Dilshad Garden, Delhi -110095